दया शंकर ने बताया है कि विकास दुबे अवैध शराब का धंधा करता था। इसी के साथ ही राशन कोटे के आवंटन में उसका सिक्का पुरजोर चलता था, उसकी मर्जी के बिना राशन कोटे के आवंटन से लेकर राशन बंटवारे का काम नहीं हो पाता था। सभी राशन डीलर उसके कहने पर काम करते थे।
यदि कोई राशन डीलर विकास दुबे की मर्जी के खिलाफ जाता था तो पहले तो उसे डाराया धमकाया जाता था और फिर भी न मानने पर उसका लाइसेंस ही रद्द करा दिया जाता था।
दया शंकर ने यह भी बताया की हमारी सभी मीटिंग गांव के बाहर वाले बाग में होती थी। मीटिंग की सूचना केवल व्हाट्स ऐप काल से दी जाती थी। विकास दुबे बहुत ही चालाक था वह हर मीटिंग से पहले सभी के मोबाइल अपने पास जमा करा लेता था।
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