विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद शहर के नागझिरी इलाके से पुलिस ने एक शराब कंपनी के मैनेजर आनंद सहित चार अन्य को भी हिरासत में लिया।...
विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद शहर के नागझिरी इलाके से पुलिस ने एक शराब कंपनी के मैनेजर आनंद सहित चार अन्य को भी हिरासत में लिया। इस दौरान मैनेजर द्वारा रौब झाड़ने पर पुलिस ने उसे पीट दिया। बाद में उसे कंट्रोल रूम ले जाया गया। उसे पकड़ने के लिए नागझिरी इलाके को कुछ देर के लिए सील भी किया था। दुबे को उज्जैन बुलाने में आनंद का हाथ है। आनंद ने दुबे को योजनाबद्ध तरीके से बुलाया था, मगर इस बारे में पुलिस अधिकारी कुछ भी अधिकृत जानकारी देने से बच रहे।
उप्र में है आनंद का पैतृक गांव
20 साल से उज्जैन में पुलिस हिरासत में आए शराब कंपनी के मैनेजर को लेकर पुलिस ने कई बिंदुओं पर पड़ताल की है। मैनेजर का पैतृक गांव कानपुर के आसपास ही है। दुबे उसका पुराना परिचित है। शराब मैनेजर 20 साल से उज्जैन में रह रहा है। यह भी पता चला है कि दुबे जब भी उज्जैन आता था, वह मैनेजर आनंद से जरूर मिलता था। विकास दुबे की मां का कहना है कि वह हर उज्जैन महाकाल के दर्शन के लिए जाता था।
गौरतलब है कि कानपुर के चौबेपुर में दो व तीन जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर सीओ सहित आठ पुलिसवालों का हत्यारा पांच लाख का इनामी विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार हो गया है। विकास दुबे को अपनी गिरफ्त में लेने के लिए उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम चार्टर्ड प्लेन से इंदौर पहुंची थी। पहले विकास दुबे को चार्टर्ड प्लेन से लखनऊ लाने की योजना थी, लेकिन अचानक उसको सड़क मार्ग से लाया जा रहा है। खबरों के मुताबिक, विकास दुबे ने उज्जैन पुलिस को बताया कि एनकाउंटर के डर से उसने पुलिस पर फ़ायरिंग की थी। वो पुलिसवालों के शव को जलाना चाहता था, इसलिए उसने लाशों को एक जगह इकट्ठा किया था। हालांकि, वह ऐसा नहीं कर पाया।
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