लाखों ट्रेन यात्रियों के लिए खुशखबरी, रेलवे एक साथ देने जा रहा कई सुविधाएं



कई गाड़ियों के रैक यार्ड में घंटों खड़े रहते हैं। यदि ट्रेनों में कोच की संख्या एक समान होगी तो यह परेशानी नहीं रहेगी।...

नई दिल्ली ट्रेनों की लेटलतीफी दूर करने और उपलब्ध संसाधन का बेहतर तरीके से उपयोग करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अलग-अलग श्रेणी के ट्रेनों में कोच की संख्या एक समान करने पर काम शुरू हो गया है। पहले चरण में शताब्दी, राजधानी सहित एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच वाली अन्य ट्रेनों में यह उपलब्ध होगी। इससे किसी एक श्रेणी की ट्रेन के खाली रैक को आपस में बदला जा सकेगा। इससे ट्रेनों को समय पर चलाने में मदद मिलेगी।

समय पर चलाने के लिए अब बराबर होंगे कोच

वर्तमान व्यवस्था में एक श्रेणी के ट्रेनों में भी कोच की संख्या अलग-अलग होती है। परिणामस्वरूप यदि कोई ट्रेन लेट हो जाती है तो उसकी वापसी भी विलंब से होती है, क्योंकि ट्रेन के आने के बाद उसके रैक के रखरखाव में समय लगता है। वहीं, कई गाड़ियों के रैक यार्ड में घंटों खड़े रहते हैं। यदि ट्रेनों में कोच की संख्या एक समान होगी तो यह परेशानी नहीं रहेगी। किसी ट्रेन के लेट होने पर उसके गंतव्य पर पहुंचने का इंतजार किए बगैर यार्ड में उपलब्ध रैक का इस्तेमाल कर वापसी दिशा की ट्रेन को समय पर रवाना किया जा सकेगा।

कई चीजों में हो रहा सुधार ताकि लेट ना हो ट्रेन

पिछले वर्ष ही रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी घोषणा की थी। अब इस दिशा में काम शुरू हो गया है। इस संबंध में सभी जोनल रेलवे को पत्र लिखकर एलएचबी कोच वाली ट्रेनों में यह व्यवस्था करने को कहा गया है। इसके लिए जरूरत के अनुसार प्लेटफॉर्म, वासिंग लाइन आदि में सुधार किया जाएगा। इसी तरह से आरक्षण प्रणाली में भी बदलाव किया जाएगा।

विभिन्न श्रेणी के ट्रेनों में कोच की संख्या

शताब्दी व तेजस एक्सप्रेस में यात्रियों के लिए चेयर कार के 14 और एक्जिक्यूटिव चेयर कार के दो कोच होंगे।


जनशताब्दी एक्सप्रेस को छोड़कर दिन में चलने वाली इंटर सिटी एक्सप्रेस श्रेणी के ट्रेनों में यात्रियों के लिए 18 कोच लगाए जाएंगे, जिसमें दो वातानुकूलित (एसी) चेयरकार 12 द्वितीय श्रणी के चेयरकार व चार अनारक्षित कोच होंगे।


राजधानी एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस, एसी एक्सप्रेस (हमसफर व गरीब रथ को छोड़कर) में यात्रियों के लिए 19 कोच उपलब्ध होंगे। एक पेंट्री कार के साथ ही थर्ड एसी के 12, सेकंड एसी के 5 और फर्स्ट एसी के एक कोच लगाए जाएंगे।


लंबी दूरी के मेल व सुपर फास्ट ट्रेनों (गैर वातानुकूलित कोच वाले दुरंतो, जनसाधारण व अंत्योदय एक्सप्रेस को छोड़कर) में यात्रियों के लिए 19 कोच होंगे। इस तरह की ट्रेनों में सात स्लीपर, छह थर्ड एसी, दो सेकंड एसी, चार अनारक्षित कोच लगाए जाएंगे। एक पेंट्री कार भी होगा।

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