केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने अपने छात्रों का मूल्यांकन लिखित परीक्षा कराने के स्थान पर प्रोजेक्ट के माध्यम से करने का फैसला लिया है। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 9वीं व 11वीं फेल छात्रों को स्कूल स्तर पर सप्लीमेंट्री परीक्षा के माध्यम एक और मौका देने के सुझाव पर यह कदम उठाया गया है। इसके तहत, सभी इच्छुक फेल छात्रों को प्रोजेक्ट तैयार करना होगा। शिक्षक उसका मूल्यांकन कर अंक देंगे। संगठन ने नतीजे जारी करने के लिए 20 जुलाई तक का समय दिया है।
संगठन ने साफ किया है कि इस प्रोजेक्ट के नतीजों के आधार पर ही 9वीं और 11वीं में फेल छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट किया जा सकेगा। संगठन की संयुक्त कमिश्नर पिया ठाकुर ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
पाठ्यक्रम के आधार पर तय होगा टॉपिक : 9वीं व 11वीं कक्षा की सप्लीमेंट्री परीक्षा देने के इच्छुक छात्रों को शिक्षकों परिणाम आधारित अच्छा प्रोजेक्ट वर्क देंगे। इनके टॉपिक पाठ्यक्रम में से ही दिए जाएंगे। प्रोजेक्ट वर्क का उद्देश्य छात्रों की कॉन्सैप्ट को समझने का क्षमताओं का मूल्यांकन करना है। छात्रों को प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाएगा। उसके बाद ऑनलाइन जमा कराना होगा। संगठन ने साफ किया है कि यह प्रोजेक्ट वर्क छात्रों को स्वतंत्ररूप से पूरा करना होगा। प्रोजेक्ट के अंत में यह लिखना भी होगा। संबंधित शिक्षकों को प्रोजेक्ट जमा करने वाले छात्र से बात करने और उसके बारे में पूछने की छूट दी गई है। संगठन ने साफ किया है कि कोरोना संक्रमण के मौजूदा दौर को देखते हुए यह व्यवस्था इसी सत्र के लिए लागू की गई है।
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