जामताड़ा/फरीदाबाद. झारखंड स्थित जामताड़ा (Jamtara) एक बार फिर चर्चा में है. साइबर अपराधियों का गढ़ माने जाने वाले जामताड़ा (Jamtara Cyber Crime) के ठगों ने अब ठगी का तरीका बदल लिय है. अलग-अलग राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों से जा रही शिकायत और बीते दिनों तमाम सख्ती के साथ-साथ गिरफ्तारियों के बाद अब इन अपराधियों ने लोगों को ठगने का जो नया तरीका हासिल किया है वह और ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि इससे बैंकिंग और ऐप कंपनियां सवालों के घेरे में आ रही हैं जो अपना ग्राहक की सुरक्षा का दावा करते नहीं थकतीं. एक रिपोर्ट के अनुसार अब जामताड़ा के ठग ढेर सारे मोबाइल नंबर्स हासिल कर उसे अलग-अलग बैंक के अकाउंट में इस्तेमाल करते हैं. अगर उनमें से किसी नंबर पर ओटीपी आ गया तो फिर उन नंबर्स पर फोन किया जाता है ताकि कस्टमर से बैंक में दी गई ई-मेल आईडी के बारे में जाना जा सके. ये लोग सिम कार्ड को अपग्रेड करने या केवाईसी को अपडेट करने वाले मोबाइल ऑपरेटर के तौर पर बात करते हैं.
शख्स को विश्वास में लेकर ये उसकी मेल-आईडी हासिल कर लेते हैं. फिर ये ऑफिशियल कस्टमर केयर नंबर पर भेजे जाने वाले टेक्स्ट को उस शख्स को ईमेल करते हैं जिसे ये निशाना बनाना चाहते हैं. पीड़ित व्यक्ति के नंबर के साथ उसकी ईमेल आईडी दर्ज करने की इस प्रक्रिया के जरिए सिम को ई-सिम में बदलने के लिए आधिकारिक अनुरोध कर सकते हैं. एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद पीड़ित का फोन नंबर, बैंक खाते, आपके खाते से जुड़ी हुई अन्य जानकारियां इन अपराधियों के पास आ जाती हैं.
झारखंड और हरियाणा में गिरफ्तारियां
ऐसे ही एक मामले में मंगलवार को झारखंड में गिरफ्तारियां हुईं. जामताड़ा के नारायणपुर और करमाटांड़ थानान्तर्गत पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर छापेमारकर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मंतोष मंडल, बजरंगी पोद्दार और सुरेश मंडल को गिरफ्तार किया है. हालांकि पुलिस के छापेमारी के भनक से एक अपरादी मिथुन मंडल मौके से फरार हो गया. इसी तरह से हरियाणा के फरीदाबाद में पुलिस ने एक नए फिशिंग रैकेट के बारे में जो जानकारी दी है उसके मुताबिक पंजाब, हरियाणा, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 300 से अधिक राष्ट्रीयकृत और निजी बैंक खातों तक पहुँचने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल किया गया है.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्स्प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार फरीदाबाद पुलिस ने भी पांच गिरफ्तारियां की हैं. पुलिस को अभी इसका पता नहीं चल पाया है कि इसके जरिए कितने धनराशि की धोखाधड़ी की गई लेकिन उन्होंने ई-सिम धोखाधड़ी वाले एक रैकेट में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इन पांच में से चार जामताड़ा के हैं. फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त कमिश्नर ओ पी सिंह ने कहा, ये मामला अनोखा है, जिसमें मुख्य रूप से ई-सिम का उपयोग होता है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि बैंक और टेलीकाम कंपनियों की ओर से भी लापरवाही बरती जा रही है. सिंह ने कहा कि कम तकनीकी जानकारी रखने वाले इन अपराधियों ने जुर्म को अंजाम देने के लिए नया तरीका ईजाद कर लिया है.
इन कंपनियों को पुलिस ने किया तलब
रिपोर्ट के अनुसार मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने कहा कि अपराधियों ने पीड़ितों का ई-सिम प्राप्त करने के बाद बैंक खातों पर नियंत्रण पाने की बात कबूल कर ली है. कई मामलों में इन अपराधियों के निशाना पर ICICI बैंक रहा है. ये उसके डेस्कटाप वेबसाइट से लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं और अक्सर ये फोन नंबर एयरटेल के होते हैं.
एक अधिकारी ने कहा कि रिकॉर्ड से प्रारंभिक जानकारी से पता चलता है कि 10,000 रुपये से 99,000 रुपये के बीच कई लेनदेन किए गए हैं. ठग सीमित संख्या में लेन-देन करते हैं क्योंकि इस पर जल्दी किसी की निगाह नहीं जाती है. अधिकारी ने कहा कि 1,00,000 रुपये की राशि 500-1,000 रुपये के कई लेनदेन में ट्रांसफर की जाती है जिससे उन पर संदेह नहीं होता.
इतना ही नहीं ये फंड फोनपे, ओला मनी, पेटीएम पेमेंट्स बैंक और एयरटेल पेमेंट्स बैंक के वॉलेट से ट्रांसफर किए गए थे. पुलिस ने पेटीएम, आईसीआईसीआई बैंक और अन्य को इस मामले में तलब किया है.
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