एमएस धोनी के साथ-साथ पाकिस्‍तान में जन्‍में फैन 'चाचा चिकागो' ने भी क्रिकेट को कहा अलविदा

कराची में जन्‍में मोहम्‍मद बशीर बोजाई को आपने भारत-पाकिस्‍तान के बीच आईसीसी इवेंट्स में खिलाड़‍ियों की हौसलाअफजाई करते हुए देखा होगा। महेंद्र सिंह धोनी के साथ-साथ अब चाचा चिकागो नाम से मशहूर बशीर ने भी क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। याद हो कि ये वो ही पाकिस्‍तानी फैन है, जिसे धोनी का समर्थन करने के कारण अपने मुल्‍क के लोगों से अभद्र भाषा सुननी पड़ी थी। 


एमएस धोनी और चाचा चिकागो

चाचा चिकागो अब रांची जाकर महेंद्र सिंह धोनी से मिलने की योजना बना रहे हैं, जिनका प्रभाव उनके जीवन पर जबर्दस्‍त रहा है। बशीर ने चिकागो से पीटीआई से बात करते हुए कहा, 'एमएस धोनी ने संन्‍यास लिया तो मैंने भी क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। धोनी नहीं रहेंगे तो मैं खुद को क्रिकेट मैच के लिए यात्रा करते हुए नहीं पा सकता।' बशीर चिकागो में अपना रेस्‍टोरेंट चलाते हैं।

बशीर ने कहा, 'सभी महान खिलाड़‍ियों को एक दिन संन्‍यास लेना होता है, लेकिन धोनी के संन्‍यास से मैं निराश हूं और मेरे पास उनकी कई खास यादें हैं। वह एक शानदार विदाई के हकदार हैं, लेकिन वह उससे भी कही ज्‍यादा हैं।' बशीर और धोनी के बीच अनकहा लगाव 2011 विश्‍व कप के सेमीफाइनल के बाद बहुत बढ़ा। 2011 विश्‍व कप के सेमीफाइनल में भारत और पाकिस्‍तान का मुकाबला था।

इस मैच के लिए टिकट की मारा मारी हो रही थी। मगर धोनी ने 65 वर्षीय बशीर के लिए टिकट का इंतजाम किया, जिसकी वजह से दोनों के बीच गहरा लगाव बन गया और बशीर अपने धोनी के बड़े फैन बन गए। धोनी को देखने के लिए तीन दिल के दौरे झेल जाने वाले बशीर के लिए अब क्रिकेट कभी पहले जैसा नहीं रहेगा। वह अब लाइव मैच मैदान में जाकर नहीं देखेंगे। उनका अगला मिशन रांची जाकर धोनी से मिलना है।

बशीर ने कहा, 'कोरोना वायरस के बाद जब समय सही होगा तो मैं रांची में धोनी के घर जाउंगा। मैं बस उन्‍हें भविष्‍य की शुभकामनाएं देने के लिए इतना ही कर सकता हूं। मैं धोनी के सुपर फैन राम बाबू को भी अपने साथ आने के लिए पूछूंगा। मैं आईपीएल में धोनी को खेलते देखने के लिए जाना, लेकिन यात्रा पाबंदी और मेरे दिल की स्थिति को देखते हुए जाना सुरक्षित नहीं।' बशीर की पत्‍नी हैदराबाद की हैं। दोनों इस साल जनवरी में हैदराबाद आए थे।

धोनी से क्‍यों खास है रिश्‍ता?

बशीर ने बताया कि धोनी के साथ उनका रिश्‍ता क्‍यों खास है। दोनों के बीच कभी टूर्नामेंट के दौरान ज्‍यादा बातचीत नहीं हुई। मगर भारत के दिग्‍गज विकेटकीपर बल्‍लेबाज हमेशा अपने फैन की मदद के लिए तैयार दिखे। बशीर ने कहा, 'कुछ मौकों पर मुझे धोनी के साथ समय बिताने का मौका मिला। 2019 में हमारे बीच ज्‍यादा बात नहीं हुई। मगर हमेशा की तरह उसने मेरे लिए टिकट का इंतजाम किया। 2018 एशिया कप के दौरान धोनी मुझे अपने कमरे में ले गया और मुझे उसकी जर्सी दी। यह मेरे लिए ज्‍यादा विशेष था जबकि वह दो बार मुझे अपना बल्‍ला भेंट कर चुका है।'

धोनी के संन्‍यास से बशीर भावुक

धोनी के संन्‍यास की खबर जानकर बशीर बेहद भावुक हुए। उन्‍होंने कहा, 'जब धोनी के पास मुझसे मिलने का समय नहीं होता तो वह सपोर्ट स्‍टाफ के किसी सदस्‍य को भेजकर टिकट भेजता था। उसे ऐसा करने की जरूरत नहीं थी, लेकिन वो करता था।' धोनी के फैन रहते जिंदगीभर की सबसे प्‍यारी याद क्‍या है? यह पूछने पर बशीर ने जवाब दिया, '2015 विश्‍व कप की एक घटना मैं कभी नहीं भूल पाउंगा। मैं सिडनी में था और धूप में बैठा था। तब बहुत गर्मी थी। सुरेश रैना पता नहीं कहां से आया और मुझे चश्‍मा देकर चला गया। उसने कहा- ये धोनी भाई ने दिया है, मैंने नहीं। मैंने उसे बदले में मुस्‍कुराकर देखा।'

धोनी के प्रति बशीर का इस कदर प्‍यार रहा कि उन्‍होंने खुलकर टीम इंडिया की हौसलाअफजाई की और बदले में उन्‍हें पाकिस्‍तानी फैंस की अभद्र भाषा का शिकार होना पड़ा। उन्‍होंने कहा, 'बर्मिंघम में मुझे पाकिस्‍तानी फैंस ने खूब खरीखरी सुनाई और मुझे गद्दार करार दिया। मुझे उन सभी को नजरअंदाज करना पड़ा। मुझे दोनों देशों से प्‍यार है और इंसानियम सबसे ऊपर।'


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