नई दिल्ली
अब अगर आपके नाम पर गांव में मकान है तो उसके आधार पर भी बैंक से कर्ज लेना आसान हो जाएगा। ग्राम पंचायतों के दायरे में आने वाली आवासीय संपत्तियों का मालिकाना हक देने की योजना में काफी तेजी आई है। कई राज्य हैं जहां अब गांव के घरों का डिजिटल सर्वे शुरू हो गया है।
24 अप्रैल को लॉन्च हुई थी योजना
पीएम मोदी ने 24 अप्रैल को पंचायत राज दिवस के अवसर पर स्वामित्व योजना () की शुरुआत की थी। उस दिन पीएम ने देश के सरपंचों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया था। उस संवाद के दौरान उन्होंने गांवों के डिजिटल सर्वे या मैपिंग को लेकर अपनी बात कही थी। पीएम ने कहा था कि ड्रोन की मदद से गावों का डिजिटल मैप तैयार किया जाएगा। इस मैप के तैयार हो जाने से बहुत सारे काम आसान हो जाएंगे और लोगों को फायदा भी होगा।
संपत्ति कार्ड जारी करेगी सरकार
उन्होंने कहा था कि ग्रामीण भारत का डिजिटल मैप तैयार हो जाने के बाद रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी के मालिकों को राज्य सरकारों की तरफ से संपत्ति कार्ड मिलेगा। यह बहुत काम की चीज होगी। संपत्ति कार्ड के आधार पर लोग बैंक से आसानी से लोन भी ले सकते हैं। इसके अलावा यह संपत्ति टैक्स के दायरे में भी आएगी। इसको लेकर काफी विरोध भी किया जा रहा है।
स्वामित्व योजना की पायलट शुरुआत
यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में इस योजना को प्रारंभिक तौर पर प्रारंभ किया जा रहा है। काम करेंगे तो अनुभव आएगा, गलतियां क्या हैं वो ध्यान में आएंगी। जब इसमें सुधार हो जाएगा तो ये योजना हिंदुस्तान के हर गांव में लागू की जाएगी।
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