नई दिल्ली। पाकिस्तान अपनी हरकतों से फिर मुश्किल में फंस गया है। पाकिस्तान ने इस बार अपने सबसे अच्छे दोस्त सऊदी अरब को नाराज कर लिया है। पिछले साल पाकिस्तान को दिवालिया होने से सऊदी अरब ने ही बचाया था और 6 बिलियन डॉलर से ज्यादा की मदद दी थी। लेकिन अब नाराज दोस्त सऊदी अरब ने अपनी मदद से हाथ खींच लिया है। सऊदी अरब ने पाकिस्तान को उधार में कच्चा तेल देना बंद कर दिया है। इसके अलावा 3 बिलियन डॉलर की जा नगद मदद दी थी, उसे भी वापस मांग लिया है। इसमें पाकिस्तान में 1 अरब डॉलर चीन से कर्ज लेकर चुकाया है, बाकी के लिए सऊदी से मिन्नतें की जा रही हैं, कि वह तुरंत न लिया जाए।
पाकिस्तान के अखबार ने किया खुलासा
पाकिस्तान के अखबार दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को सऊदी अरब से उधार पर कच्चा तेल मई से ही नहीं मिला है। पाकिस्तान के पूर्व में लिए गए कर्ज और कच्चे तेल का भुगतान नहीं करने के कारण सऊदी अरब ने उस समझौते को रीन्यू करने से मना कर दिया है, जिसके तहत सऊदी अरब पाकिस्तान को उधार कच्चा तेल दे रहा था। समय पर पैसा न दे पाने के कारण पाकिस्तान की गिरती साख तेजी से गिर रही है।
पैसे लौटाने में पाकिस्तान को दिक्कत
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों के बीच 3.2 अरब डॉलर के इस समझौते की समय सीमा 2 महीने पहले ही समाप्त हो गई है। उस दौरान पाकिस्तान ने सऊदी अरब से इस व्यवस्था के विस्तार का आग्रह किया था, लेकिन अभी तक सऊदी अरब ने इसका कोई जवाब नहीं दिया है। सऊदी अरब ने नवंबर, 2018 में पाकिस्तान को कर्ज से उबारने के लिए 6.2 अरब डॉलर का आर्थिक पैकेज दिया था।
उधार मिल रहा था कच्चा तेल
पाकिस्तान को सऊदी अरब से 3.2 अरब डॉलर की कच्चे तेल की सुविधा इसी पैकेज का हिस्सा थी। पाकिस्तान के पेट्रोलियम विभाग के प्रवक्ता साजिद काजी ने कहा कि यह करार मई में समाप्त हो गया है। पाकिस्तान को सऊदी अरब सरकार से जवाब का इंतजार है। अखबार की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने समय से 4 महीने पहले ही 1 अरब डॉलर का सऊदी अरब का कर्ज वापस कर दिया है। वहीं अगर पाकिस्तान को चीन से इसी तरह की सुविधा मिलती है, तो वह 2 अरब डॉलर का नकद कर्ज सऊदी अरब को लौटाने की स्थिति में होगा। नहीं तो पाकिस्तान के लिए मुश्किलें पैदा होंगी।
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