पहले की सरकारों का मंत्र रहा है 'पैसा हजम, परियोजना खत्म': PM मोदी







पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार दौरे के क्रम में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए लोगों को 'जंगलराज के युवराज' से सावधान करते हुए सवाल किया कि 'जंगलराज के युवराज' बिहार को आधुनिकता के क्षेत्र में ले जा सकता है क्या? उन्होंने कहा कि जिनका प्रशिक्षण कमीशनखोरी का हो, उनसे बिहार के विकास के लिए सोचा नहीं जा सकता, उनसे बिहार का भला नहीं हो सकता.

प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना में अलग-अलग चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए जहां राजग सरकार को बिहार के लिए हितकारी बताया, वहीं विरोधियों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'बीते डेढ़ दशक में बिहार ने नीतीश जी की अगुवाई में कुशासन से सुशासन की तरफ कदम मजबूती से बढ़ाए हैं. एनडीए सरकार के प्रयासों के कारण बिहार ने, असुविधा से सुविधा की ओर, अंधेरे से उजाले की ओर, अविश्वास से विश्वास की ओर, अपहरण उद्योग से अवसरों की ओर का एक लंबा सफर तय किया है.'

उन्होंने कहा कि विकास और सुशासन निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. निरंतर विकास के कारण लोगों की आकांक्षा भी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि पहले अस्पताल में एक डॉक्टर का मिलना दुर्लभ था, अब जगह-जगह मेडिकल कॉलेज और एम्स जैसी सुविधाओं की आकांक्षा है. पहले गांव-गांव में मांग थी कि किसी तरह खड़ंजा बिछ जाए, अब हर मौसम में चौड़ी सड़कों की आकांक्षा है.

प्रधानमंत्री ने लोगों को ना केवल कोरोना से बचने की अपील की बल्कि बिहार को बीमार बनाने वालों से भी सावधान किया. उन्होंने कहा कि मास्क लगाकर और दो गज की दूरी रखकर जिस प्रकार कोरोना बीमारी से अपने परिवार को बीमार होने से बचाया जा सकता है, उसी तरह आपका 'एक वोट' बिहार को बीमार बनाने से रोक सकता है.

मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा, 'अटल जी कभी कहते थे कि बिहार में बिजली की परिभाषा ये है, कि वो आती कम है और जाती ज्यादा है. लालटेन काल का अंधेरा अब छंट चुका है. प्रधनमंत्री ने कहा कि जिनका प्रशिक्षण कमीशनखोरी का हो, उनसे बिहार के विकास के लिए सोचा नहीं जा सकता. उनसे बिहार का भला नहीं हो सकता.

उन्होंने इशारों ही इशारों में बिना किसी का नाम लिए हुए कहा कि कल तक जो सियासी लोग राममंदिर निर्माण की तारीख पूछते थे, वे अब मजबूरी में तालियां बजा रहे हैं. पीएम ने एनडीए के विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए विरोधियों पर भी करारा सियासी हमला बोला.

प्रधानमंत्री ने माता सीता को याद करते हुए कहा, 'सदियों की तपस्या के बाद राम मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है. जो सियासी लोग हमसे तारीख पूछा करते थे वो भी आज मजबूरी में तालियां बजा रहे हैं. आप लोग इसके प्रमुख हकदार हैं.'

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि एनडीए जो कहती है वह कर के भी दिखाती है. उन्होंने कहा कि पहली बार हो रहा है कि घोषणा पत्र के हिसाब से आंकलन किया जा रहा है कि सरकार आगे कौन सा कदम उठाएगी. प्रधानमंत्री ने लोगों को 'जंगलराज' लाने वाली ताकतों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि बिहार के लोग ठान चुके हैं कि जंगलराज लाने वाले को फिर से हराएंगें. 

उन्होंने कहा कि जिनका प्रशिक्षण कमीशनखोरी का है, उससे बिहार का भला नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि जो लेाग नौकरी को भी करोड़ों रुपये कमाने का जरिया बना लें, उससे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. भाजपा नेता ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले सरकार में रहने वालों का मंत्र रहा है कि पैसा हजम, परियोजना खत्म.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'उन्हें कमीशन शब्द से इतना प्रेम था कि कनेक्टिविटी पर ध्यान ही नहीं दिया. मिथिलांचल को जोड़ने वाले कोसी पुल को लेकर क्या क्या हुआ, मेरे से ज्यादा आप जानते हैं.' दरभंगा और पटना की सभा में प्रधानमंत्री के साथ मंच पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी साथ रहे और उन्होंने भी लोगों को संबोधित किया. उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की तारीफ करते हुए बिहार में किए गए विकास की चर्चा की.

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