Equity Market: BNP परिबास ने साल 2021 के लिए भारतीय शेयर बाजार पर ओवरवेट रेटिंग बरकरार रखी है.
Equity Market: BNP परिबास ने साल 2021 के लिए भारतीय शेयर बाजार पर ओवरवेट रेटिंग बरकरार रखी है.
Equity Market: BNP परिबास ने साल 2021 के लिए भारतीय शेयर बाजार पर ओवरवेट रेटिंग बरकरार रखी है. फ्रेंच इंटरनेशनल बैंकिंग ग्रुप BNP परिबास का मानना है कि साल 2021 में S&P BSE सेंसेक्स 50,500 का स्तर छूने में कामयाब रहेगा. इस लिहाज से बाजार में मौजूदा स्तर से 9.5 फीसदी की तेजी आ सकती है. भारतीय शेयर बाजार के अलावा BNP परिबास चीन, इंडोनेशिया और कोरियाई बाजार पर भी बुलिश है. बता दें कि इसके पहले मॉर्गन एंड स्टैनले ने भी साल 2021 में सेंसेक्स के 50 हजार का आंकड़ा छूने का अनुमान जताया है.
इन वजहों से मिल रहा है फायदा
इस अंतरराष्ट्रीय बैंक ने कहा कि भारत और चीन के बाजार को कुछ वजहों से फायदा मिल रहा है. दोनों ही देशों का लांग टर्म के लिए इकोनॉमी को मजबूत करने पर फोकस है. इसके अलावा दोनों ही देशों में डिमांड बढ़ाने के मजबूत उपाय किए जा रहे हैं. इसके अलावा निवेश के उपायों पर भी जोर है. भारतीय बाजार को एक और फासदा है कि यहां क्वालिटी स्टॉक्स की उपलब्धता ज्यादा है. बीएनपी परिबास ने 2021 के लिए अपनी एशिया स्ट्रैटेजी रिपोर्ट में कहा कि हाई क्वालिटी वाले मार्केट लीडर्स की उपलब्धता के लिए एशियाई देशों के बीच भारत पर वेटेज अधिक है. अभी एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 46,253 पर ट्रेड कर रहा है जो 2021 में 50500 के स्तर को पार कर सकता है.
किन शेयरों पर जताया भरोसा
BNP परिबास ने साल 2021 के लिए पार्टफोलियो में ONGC और मैरिको को जोड़ा है, जबकि ब्रिटानिया को कम किया है. रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में 11.4 फीसदी की अनुमानित गिरावट के बाद साल 2021 में जीडीपी में 11.6 फीसदी की ग्रोथ आ सकती है. वहीं 2022 में यह 5 फीसदी की दर से ग्रोथ कर सकता है. वहीं कंज्यूमर प्राइस इनफ्लेशन (CPI) साल 2021 में 4.3 फीसदी और 2022 में 3.8 फीसदी रह सकता है.
अर्थव्यवस्था के लिए इंडीकेटर्स मजबूत
बीएनपी परिबास ने कहा कि भारत अभी भी कोरोनो वायरस महामारी से उबर रहा है. आटो सेल्स, स्टील व सीमेंट कजम्पशन और रेलवे फ्रेट ट्रैफिक प्री कोपिड लेवल के पास पहुंच रहे हैं या उससे आगे. ये अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत इंडीकेटर्स हैं.
BNP परिबास के अनुसार भारत की हालिया नीतिगत उपायों से भी बाजार को फायदा हुआ है. पिछले कुछ साल में अर्थव्यवस्था को लेकर जो उपाय हुए हैं, उससे ज्यादातर सेक्टर में फ्रंटलाइन कंपनियों को अपना मार्केट शेयर बढ़ाने में मदद मिली है. इस वजह से भी इक्विटी मार्केट को बूस्ट मिला है. मार्केट शेयर गेन से निजी बेंकों और इंश्योरेंस कंपनियों को फायदा हो रहा है. वहीं डोमेस्टिक रूरल डिमांड से कंज्यूमर स्टॉक्स को फायदा मिल रहा है. ग्लोबल डील में सुधार है. ये सब अच्छे संकेत हैं.
जोखिम
अगर जोखिम की बात करें तो शहरी आय में गिरावट है. महंगाई की दर लगातार हाई बनी हुई है. कोविड 19 के चलते रोजगार में कमी आई है. बहुत से लोगों की नौकरियां गई हैं. शहरों में गैर-जरूरी वस्तुओं के कंजम्पशन में कमी आई है, इसके परिणाम भले ही आश्चर्यजनक नहीं है, लेकिन फिर भी चिंताजनक हैं.
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