कानपुर
मैं अब और जिंदा नहीं रह सकता। मैं जानता हूं मेरे जाने के बाद दो घर बर्बाद हो जाएंगे। एक मामा का और दूसरा मेरा। मामा मामी आप लोगों का मेरे ऊपर बहुुत एहसान है। आपने हमारी सारी ख्वाहिशें पूरी कीं।
अच्छे से अच्छे स्कूल और कोचिंग में मेरा दाखिला कराया, लेकिन मैं आप लोगों के लिए कुछ नहीं कर सका। साथ पढ़ने वाले दोस्तों के ब्लैकमेलिंग के चलते मैं कुछ नहीं कर सका। आप लोगों का एहसान मैं अपने साथ लेकर जा रहा हूं।
मैं जानता हूं कि मेरे मरने के बाद सबसे ज्यादा मेरे मामा, मामी, मम्मी और बेटू रोएंगे। अगले जन्म मुझे मेरे मामा-मामी जैसे ही मेरे मम्मी पापा मिले। मेरी मम्मी भी बहुत अच्छी हैं, लेकिन मेरे पापा का बहुत अलग स्वभाव है।
ये सुसाइड नोट पर लिखा देख ननिहाल पक्ष के लोगों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। सुसाइड करने से पहले आरोपियों ने की थी हाथापाई
सत्यम ने मामा ने बताया कि वह बीटेक करने के बाद नाना व मामा-मामी की सेवा करना चाहता था। दो दिन पहले छपेड़ा पुलिया के पास रहने वाले बड़े मामा श्याम नारायण की बेटी की शादी थी। जिसमें शामिल होने के लिए पूरा परिवार आया था।
14 दिसंबर की शाम मामी लक्ष्मी ने उसे छपेड़ा से घर आने के लिए बुलाया था। वह मामी को लेने जा रहा था, इसी बीच आरोपी मिल गए। सबने मिलकर सत्यम की पिटाई कर दी और स्कूटी में तोड़ फोड़ भी कर दी थी। इसके बाद वह वापस घर लौट आया था।
9 दिसंबर से आरोपी कर रहे थे संपर्क
5 लाख रुपये की रंगदारी वसूलने के लिए आरोपी सत्यम को तलाश रहे थे। वे 9 दिसंबर से उसे फोन कर रहे थे। सत्यम का फोन नहीं उठा रहा था। तो आरोपियों ने उसके पिता फिर चचेरे भाई के मोबाइल पर कॉल कर सत्यम से बात करने की बात कही थी, लेकिन उसने बात नहीं की थी। जिसकी नाराजगी सभी ने 14 दिसंबर को निकाली। परिजनों का दावा है कि मारपीट के वक्त महिला मित्र भी मौजूद थी।
पुलिस ने मामूली धाराओं में दर्ज की रिपोर्ट
सत्यम के पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सुसाइड के लिए मजबूर करने की रिपोर्ट दर्ज की है। जबकि मामला साफ साफ साइबर बुलिंग, रंगदारी मांगने, गाली गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का है। थाना प्रभारी पनकी ने बताया कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दो टीमें बनाई गई हैं। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
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