सावधान! पहले से डाउनलोड चीनी एप के इस्तेमाल से हैकिंग का खतरा ज्यादा




मुंबई:  केंद्र सरकार द्वारा पाबंदी लगाए जाने के बाद 59 चीनी ऐप प्ले स्टोर से तो हटा दिए गए हैं लेकिन कई लोगों के मोबाइल फ़ोन में ये ऐप अब भी मौजूद है। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐप स्टोर से हटाए जाने के बाद अब इन एप्स को चलाना और खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि कंपनियों की ओर से अब कोई सुरक्षा अपडेट नहीं मिलेंगे जिससे हैकरों के लिए इन एप्स में सेंध लगाना और आसान हो जाएगा। साथ ही चोरी छिपे प्रतिबंधित एप्स इस्तेमाल आपको सलाखों के पीछे भी पहुंचा सकता है। जाने माने साइबर अपराध विशेषज्ञ और वकील प्रशांत माली के मुताबिक मोबाइल से डिलीट करने के बावजूद इन एप्स से जुड़ी कुछ सेवाएं मोबाइल में सक्रिय रह सकती हैं जो लोगों से जुड़ी जानकारी चुरा सकती हैं।  इसलिए बेहतर विकल्प है इन सेवाओं पर बनाए गए अपने अकाउंट डिलीट करें डाटा का बैकअप लें और फिर मोबाइल को फैक्ट्री डाटा रिसेट कर दें।

माली ने बताया कि पाबंदी के बाद वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल कर इन एप्स को चलाने की कोशिश मंहगी पड़ सकती है  क्योंकि यह गैरकानूनी है। भारतीय कानून के मुताबिक ऐसा करने पर 3 साल की सजा और 5 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। बता दें कि पाबंदी के बाद पहले से मोबाइल पर मजूद टिकटोक जैसे कुछ ऐप ने काम करना बंद कर दिया है जबकि यूसी ब्राउज़र जैसे ऐप अब भी काम कर रहे हैं। हालांकि प्ले स्टोर से अब कोई प्रतिबंधित ऐप डाऊनलोड नहीं किया जा सकता। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रितेश भाटिया ने कहा कि सरकार ने सुरक्षा कारणों से एप्स पर पाबंदी लगाई है ऐसे में अगर ये फिलहाल चल रहे हैं तो भी इसका इस्तेमाल करना सही नही है। ऐप के सोर्सकोड की जानकारी हमारे पास नही है इसलिए इनकी सुरक्षा को लेकर भरोसे से कुछ नही कहा जा सकता। बेहतर होगा कि प्रतिबंधित एप्स का इस्तेमाल बंद करने के साथ इन्हें मोबाइल से डिलीट कर दिया जाए।

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