राहुल गांधी की इन बातों से लगता है कि वह राजनीति के ऐसे हीरे हैं जिन्हें कोई पहचान न सका

क्या राहुल गांधी सच में वैसे ही हैं, जैसा उन्हें विपक्षी पार्टियां दिखाती हैं? नीचे लिखी हुई बातों को पढ़कर इस सवाल का जवाब आप खुद ढूंढ़ लेंगे।


खुद से ऊपर भारतीय




कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी के नेता होने के बावजूद राहुल गांधी भारतीय नागरिकों को खुद से ऊपर रखते हैं। उनका कहना है की उन्हें खुद की सोच से अधिक प्यार एक अरब भारतीयों की सोच से है।


पिछडों का सशक्तिकरण




भले ही अर्थव्यवस्था कितनी भी विकसित क्यों न हो जाये मगर क्या वह लोग भी इस विकास के भागीदारी होंगे जिनके पास कोई संसाधन ही नहीं है। उन पिछड़े लोगों को भी संसाधन की उपलब्धि कराने का समर्थन करते हुए राहुल कहते हैं, "बढ़ती ज्वार उन लोगों को नहीं बढ़ाती जिनके पास नाव नहीं है। हमें उनके लिए नाव बनानी होगी।"


भारतीय राजनीती में सुधार




भ्रष्टाचार से लिप्त राजनीती कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बिलकुल भी पसंद नहीं है। उनका मानना है भारतीय राजनीती में सुधार होना चाहिए और भ्रष्ट नेताओं को बाहर कर देना चाहिए।


देश सर्वोपरि




देश का स्थान राहुल गांधी के लिए सबसे ऊपर है। देश के विकास के लिए भले ही उन्हें विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर कर क्यों न काम करना पड़े, उसके लिए भी वह तैयार हैं।


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