कितने दिन कोरोना वायरस के नए मामले सामने न आने पर टूटती है संक्रमण की कड़ी?

लॉकडाउन


14 अप्रैल को खत्म हो रहे लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने के पीछे सरकार की एक सुनियोजित योजना थी, इसके पीछे वैज्ञानिक कारण था। सवाल किए जा रहे थे कि आखिर 30 अप्रैल की बजाय 3 मई तक लॉकडाउन जारी रखने के पीछे क्या मकसद था। इसका विस्तृत ब्यौरा बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से देश को दिया गया।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया है कि आखिरी केस निगेटिव आने के बाद यदि 28 दिन किसी क्षेत्र में कोरोना का कोई केस ना आए तब माना जाता है कि संक्रमण की कड़ी टूटी है। दरअसल, मंत्रालय से पूछा गया था कि लॉकडाउन को 40 दिन तक बढ़ाने के पीछे कोई चिकित्सकीय कारण है या नहीं।

यही वजह है कि 3 सप्ताह पहले लॉकडाउन किया गया और अब फिर 3 मई तक इसे बढ़ाया गया, जिससे हर इलाके में यह सुनिश्चित हो जाए कि कहीं भी चेन ऑफ ट्रांसमिशन जारी न हो। इसी के साथ ही भारत में कोरोना संक्रमण के ट्रेंड्स को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण के मामले में युवा ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं जबकि मृतकों में उम्रदराज लोगों की संख्या अधिक है।

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