UPSC क्रैक करना है? लॉकडाउन में करें ये काम, तीन IAS ने दिए टिप्स



आज जब कोरोना संकट के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. अभी इस बात का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि ये संकटकाल कब तक खत्म होगा. हमें सामान्य जीवन में लौटने में कितना समय लगेगा. ऐसे में यूपीएससी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के सामने ऐसे कई उदाहरण हैं जो  बिना कोचिंग के आईएएस परीक्षा में टॉप कर चुके हैं. बिना कोचिंग आईएएस बनने वालों से जानिए कुछ ऐसे ही टिप्स जो आपको लॉकडाउन के दौरान घर में पढ़ने की बेस्ट स्ट्रेटजी साबित हो सकते हैं.

(फोटो: आईएएस सौम्या शर्मा, कनिष्क कटारिया और आर्तिक शुक्ला बायें से दायें)



सिविल सर्विसेज फाइनल परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए हैं. इस परीक्षा में जयपुर के रहने वाले कनिष्क कटारिया ने पहला स्थान हासिल किया है. यूपीएससी की इस अहम परीक्षा को पास करने से पहले कटारिया आईआईटी में पढ़ाई भी कर चुके हैं. कनिष्क के बारे में खास बात ये है कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग के घर से रहकर तैयारी की.


कनिष्क कटारिया आईआईटी मुंबई से पढ़ाई करने के बाद दक्षिण कोरिया और बंगलुरु में नौकरी की. उसके बाद साल 2017 मार्च में वो जयपुर आए और सिविल सर्विसेज की परीक्षा में जुट गए. मैथ्स सब्जेक्ट से आईएएस करने वाले कनिष्क ने आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस से पढ़ाई की थी.



शुरुआत में बेसिक आइडिया वगैरह समझने के लिए कन‍िष्क ने दिल्ली में आईएएस कोचिंग जॉइन की. फिर मार्च, 2018 से वो सेल्फ स्टडी करने लगे. कनिष्क का कहना है कि  अगर आपको सिलेबस क्लियर हो तो आप घर से ही अच्छी तैयारी कर सकते हैं. आपके पढ़ने का समय निश्च‍ित होना चाहिए. कनिष्क खुद घर पर 8-10 घंटे का समय देते थे. फिर जैसे-जैसे मेंस का पेपर नज़दीक आने लगा, प्रेशर बढ़ने लगा. इसके बाद पढ़ने समय सीमा 14-15 घंटे प्रतिदिन कर दी थी.



IAS डॉ. अर्तिका शुक्ला की कहानी भी कुछ इसी तरह की है. उन्होंने भी बिना कोचिंग ये परीक्षा पास की. बता दें कि MBBS की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने MD की पढ़ाई की तभी मन में आईएएस बनने का ख्याल आया और तैयारी शुरू कर दी. इसके लिए सोशल मीडिया से दूरी बनाई और एक साल में बिना कोचिंग यूपीएससी की परीक्षा क्रैक कर दी. आइए जानें, आईएएस आर्तिका की स्ट्रेटजी.



परीक्षा की तैयारी करने वालों को अर्तिका सलाह देती हैं कि प्रीलिम्स और मेन्स दोनों को दिमाग में रखकर तैयारी करनी चाहिए. रात में लिखने की प्रैक्टिस के साथ कुछ घंटे मेन्स के लिए साथ में देते रहें. उन्होंने बताया कि आईएएस बनने के लिए उन्होंने खुद को सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी. वो इस दौरान फेसबुक भी इस्तेमाल नहीं करती थीं.





बिना कोचिंग के अर्तिका ने यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया है. वो बताती हैं कि तैयारी के लिए कोचिंग से सैंपल पेपर लेकर हल करके भी तैयारी की जा सकती है. वो बताती हैं कि उन्होंने तीन दिन कोचिंग ज्वाइन की थी. ज्यादातर टॉपर मानते हैं कि आईएएस के लिए तैयारी स्कूल स्तर से ही शुरू हो जाती है. कुछ इसी तरह अर्तिका भी मानती हैं कि स्कूल के दिनों से अगर 10वीं स्तर से गणित, अंग्रेजी और जनरल स्टडी अच्छे से तैयार की जाए तो अभ्यर्थी इस परीक्षा के लिए तैयार हो जाते हैं.


बिना कोचिंग सिर्फ टेस्ट सीरीज की मदद से दिल्ली की लॉ स्टूडेंट सौम्या शर्मा का मुसीबतें पीछा नहीं छोड़ रही थीं. 16 की उम्र में उनकी सुनने की क्षमता चली गई थी. किसी तरह तैयारी करके जनरल कैटेगरी से फॉर्म भरा, एग्जाम के दिन ही उन्हें 102 डिग्री वायरल फीवर हो गया. लेकिन, फिर भी अपनी स्ट्रैटजी पर यकीन था, इसलिए परीक्षा नहीं छोड़ी. फिर पहले ही अटेंप्ट में वो नौवीं रैंक से UPSC टॉपर बन गईं. आइए जानें उनकी स्ट्रैटजी.



सौम्या कहती हैं कि यूपीएससी के लिए सेल्फ स्टडी से अच्छा कोई विकल्प नहीं है. अगर आपने मन में ठान लिया है कि आपको यूपीएससी निकालना है तो सिलेबस और स्टडी मैटे‍रियल अपने पास रख‍िए और पढ़ाई में जुट जाइए.


पढ़ती थीं ये दो न्यूजपेपर

सौम्या बताती हैं कि मैं सिलेबस से पढ़ाई के साथ घर पर हर दिन दो न्यूजपेपर पढ़ती थी. एक था द हिंदू और दूसरा इंडियन एक्सप्रेस जिससे मुझे मदद मिलती थी. इसके अलावा योजना मैगजीन और कुछ वेबसाइट की मदद से तैयारी की. मेन्स के लिए जरूरी है कि आप आंसर राइटिंग में परफेक्ट हों. मैंने कोचिंग नहीं ली, टेस्ट सीरीज की मदद से मैंने इसकी तैयारी की. इसमें मैंने सही समय पर सभी सवालों के सटीक जवाब देने की प्रैक्टिस की.

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