ट्रेन की हर बोगी में इमरजेंसी ब्रेक के लिए चेन पुलिंग की सुविधा होती है, ताकि जरूरत के समय व्यक्ति चेन पुलिंग कर सके. जो व्यक्ति चेन पुलिंग करता है रेल कर्मचारी या रेल पुलिस तत्काल उसके पास आ जाती है. हालांकि रेल पुलिस को को ट्रेन की बोगी का नंबर कैसे पता चलता है। क्या ट्रेन में कोई ऑनलाइन सिस्टम होता है या फिर ट्रेन के लोको पायलट की स्क्रीन पर नंबर आ जाता है और वह पुलिस को बता देता है.
गोविंद बल्लभ पंत इंजीनियरिंग कॉलेज, दिल्ली से ग्रेजुएट इलेक्ट्रिकल इंजीनियर अजय कुमार ने बताया कि फिलहाल भारतीय रेल में मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. ट्रेन में यात्री द्वारा इमरजेंसी ब्रेक के लिए चेन पुलिंग करने पर ट्रेन के लोको पायलट को पता चल जाए कि किस डिब्बे से चेन खींची गई है. जैसे ही चैन पुलिंग होती है लोको पायलट को ट्रेन में ब्रेक पाइप प्रेशर में कमी आने के संकेत जरूर मिलते हैं, जिससे उन्हें मालूम पड़ जाता है कि ट्रेन में कहीं चेन खींची गई है.
भारतीय रेलवे पुलिस फोर्स चेन पुलिंग करने वाले का पता लगाने के लिए पुरानी ट्रिक का इस्तेमाल करती है. ट्रेन की जिस बोगी से चेन पुलिंग की जाती है वहां से एयर प्रेशर लीक होने की आवाज आती है. इस आवाज के सहारे पुलिस उस बोगी तक पहुंच जाती है और फिर वहां मौजूद यात्री उस व्यक्ति तक पुलिस को पहुंचा देते हैं जिसने चेन पुलिंग की है.
सीमेंस और बॉम्बार्डियर मेक EMU ट्रेनों में पायलट चेन पुलिंग के बाद सामने लगी स्क्रीन पर यूनिट व्यू खोलकर किस कोच में अलार्म चेन पुलिंग हुआ है. देख सकता है. बता दें कि EMU ट्रेन में एसीपी किए जाने के बाद ब्रेक पाइप प्रेशर में लीकेज नहीं होती, बल्कि मोटर मैन और गार्ड की कैबिन में लगा हुआ अलार्म बजता है. तब मोटरमैन आवश्यकता होने पर गार्ड द्वारा ट्रेन रोकने का सिग्नल दिए जाने पर ब्रेक लगा देते हैं और ट्रेन रुक जाती है.
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