jonny bairstow
नई दिल्ली। कहते हैं कि जिंदगी जीना आसान नहीं है। यहां इंसान को सुख भी प्राप्त होते हैं तो दुख से भी टकराना पड़ता है। लेकिन ताकतवर इंसान वही है जो खराब दाैर के समय खुद को संभालकर जिंदगी बदल डाले। कई बार इंसान को उसका अकेलापन उसके लिए घातक साबित भी हो जाता है। कई बार ऐसी खबरें सुनने को मिलती हैं कि डिप्रेशन में आकर किसी ने अपनी जान गंवा दी। हाल ही में बाॅलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने भी डिप्रेशन में आने के कारण खुदकुशी कर ली थी। डिप्रेशन ऐसी बीमारी है जो आपकी माैत कारण साबित हो जाती है। इंग्लैंड क्रिकेट टीम के ओपनर और विकेटकीपर जॉनी बेयरस्टो के पिता भी इस दाैर से गुजरे थे, जिन्होंने फांसी लगाकर माैत को गले लगा लिया था।
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महज आठ साल के थे बेयरस्टो
उस समय बेयरस्टो महज आठ साल के थे, जब उनके पिता ने यह कदम उठाया था। उनके पिता का नाम डेविड बेयरस्टो था जो खुद एक क्रिकेटर थे। उन्होंने इंग्लैंड के लिए 4 टेस्ट, जबकि 21 वनडे मैच खेले थे। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके नाम 459 मैचों में 13961 रन होने के साथ 10 शतक दर्ज रहे। उन्होंने यॉर्कशायर के लिए लगभग 20 साल तक सेवा, लेकिन वो डिप्रेशन में आ गए और उन्होंने 46 की उम्र में अपनी जिंदगी खत्म कर ली।
पैसों की आई थी तंगी
डेविड बेयरस्टो उस समय आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। यहां तक कि उनपर शराब पीकर गाड़ी चलाने का केस भी दर्ज हुआ था। उन्होंने जह 1990 में संन्यास लिया तो वह रेडियो कमेंटेर बन गए, लेकिन वो परेशान रहने लगे। उन्होंने साल 1997 में डेविड बेयरस्टो ने दवाइयों के ओवरडोज से मौत को गले लगाने की कोशिश की लेकिन वो किसी तरह बच गए। लेकिन कुछ दिनों बाद उन्होंने घर में खुद को फांसी लगा ली।
बेटे को नहीं पता चला कारण
वहीं उनके बेटे जाॅनी बेयरस्टो को अभी तक पता नहीं चला कि उनके पिता ने ऐसा क्यों किया। साल 2017 में जब बेयरस्टो ने हेडिंग्ले में अपनी एक पुस्तक "ए क्लियर ब्लू स्काई" के लॉन्च के मौके में अपने पिता के सुसाइड को लेकर बयान दिया था तो उन्होंने कहा था, "ईमानदारी से कहू तो मुझे इसका वास्तव में सही कारण पता नहीं है। हां, हमने कुछ समय तक इसके बारे में सोचा था, लेकिन कुछ मुख्य वजह ना मिलने के कारण हमने इसे बाद में सोचना छोड़ दिया। मुझे नहीं पता, कि मेरे पिता ने सही किया था नहीं, लेकिन, जब पिता का निधन हो गया था, तो मिडिया में कुछ ऐसी बाते थी, जो मुझे लगता है बिलकुल भी सही नहीं थीं।"
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