कुछ तथ्य जो आपको हैरान कर देंगे

आज आपको इस लेख में कुछ जाने आंजाने तथ्य को जानेंगे जिससे आपका ज्ञान का लेवल थोड़ा सा बढ़ जाएगा।


पहला


तरल पदार्थो के ट्रक या टैंकर गोल क्यों होते हैं:-




आपने देखा होगा अक्सर की पानी, दूध, या कोई पेट्रोलियम ट्रक चौकोर न होकर गोल होते है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण हैं- ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चौकोर टैंकर में तरल पदार्थ के छलकव से गैस बनने लगती हैं; और ऐसा होने से चौकोर टैंकर में रिसाव होने होने लगता है और उसकी लाइफ लाइन भी कम हो जाती है। तथा गोल टैंकर में गैस का कोई प्रभाव नही होता है औंर इसकी लाइफ लाइन भी बनी रहती है। यही कारण है कि तरल पदार्थों को चौकोर टैंकर की बजाय गोल टैंकर में लाया-ले जाया जाता हैं।


दूसरा


ट्रक का पहिया उठा क्यों होता है :-


तो दोस्तो इसका जवाब काफी सरल है। कभी कभी आपने देखा होगा कि जो पहिया ऊपर उठा होता है वह कभी कभी नीचे भी होता है। ट्रक का जो पहिया उठा होता है उसे ड्राइवर के द्वारा ही उठाया जाता हैं; औंर ड्राइवर के द्वारा ही नीचे लाया जाता हैं। जब ज्यादा लोड होता है तब उठे हुए पहिये को नीचे लाया जाता है जिससे दबाव कम हो जाता है।और जब खाली ट्रक होता है तब पहिया ऊपर उठा लिया जाता है और ट्रक की स्पीड भी बढ़ जाती है । जिससे ईंधन काफी कम खर्च होता है।तीसरा


दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा


शायद ही बहुत कम लोगो को पता है दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा के बारे में। इस लेख में दो ऐसी कठिन परीक्षा के बारे में बताऊंगा।


मास्टर सोमेलियर डिप्लोमा एग्जाम या परीक्षा :-


दोस्तो यह परीक्षा दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। क्योंकि इस परीक्षा की खास बात है औंर खास बात यह है कि इसमें कि छात्रों को वाइन दी जाती है औंर उस वाइन को चखकर (टेस्ट कर) यह बताना होता है कि वाइन किस वर्ष और किस देश या जगह पर बनी है। जोकि मेरे विचार से नामुमकिन है । शायद इसी कारण से इस परीक्षा को पिछले 40 या उससे ज्यादा वर्षों में केवल लगभग 250 लोग ही पार कर या सफल हुए है।


2. UPSC की परीक्षा :-


जी हाँ पाठकों भारत की यह परीक्षा दुनिया दूसरी सबसे कठिन परीक्षा है। क्योंकि इस परीक्षा को लाखों छात्र देते है मगर सफल सिर्फ उन लाखों में लगभग 0.1-3 % लोग होते हैं।


चौथा


दुनिया का पहला सिंग्नल :-




यूँ तो सिंग्नल का इतिहास ज्यादा पुराना नही पर पुराना है। तो सबसे पहला दुनिया का सिंग्नल सन 1841 में लंदन रेलवे के प्रयोग किया गया था। हालाँकि तब के सिंग्नल आज के जैसे नही थे । फिर जैसे-जैसे गाड़िया बढ़ी तो ट्रैफिक को दुरुस्त करने के लिए सिंग्नल भी बढ़े और 1920 के करीब पहला इलेक्ट्रिक सिंग्नल दुनिया के सामने आया जो अमेरिकी में लगाया गया था।


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