किसी इंसान को समझना है तो सबसे पहले उसको सुनने की आदत डालनी पड़ेगी



आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों की दिनचर्या कुछ इस तरह से हो गई है कि कोई व्यक्ति अपने परिवार के लोगों को समय नहीं दे पाता है। और जब परिवार के लोग एक साथ बैठेंगे ही नहीं तो वह एक दूसरे को समझेंगे कैसे आजकल के समय में यह शिकायत अक्सर आती है कि परिवार में कोई एक दूसरे को समझता नहीं है तो ऐसा क्यों होता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि परिवार में कोई भी साथ बैठी नहीं रहा है जब तक आप एक दूसरे की बातों को सुनेंगे नहीं तो आज उनकी परेशानियों को समझेंगे कैसे और जब हर व्यक्ति अपनी अपनी परेशानी ले कर के खुद अंदर ही अंदर जेल रहा है या संघर्ष कर रहा है तो उसके लिए एक छोटी सी समस्या भी बहुत बड़ी हो जाती है और यदि वही समझते हैं हम परिवार के लोगों से मिल बांटकर के आपस में शेयर करते हैं एक दूसरे की परेशानियों को समस्याओं को एक दूसरे को सुनते हैं तो हमें उनकी समस्याएं समझ में आती हैं।




हम अपनी कुछ समस्याएं बताते हैं और जब परिवार साथ में होता है तो बड़ी से बड़ी समस्या का हल भी निकल जाता है आजकल के फरिश्ते कुछ इस प्रकार से हो गए हैं की हर व्यक्ति अलग-अलग क्षेत्र में काम कर रहा है एक ही परिवार के यदि 3 सदस्य हैं तो तीनों अलग-अलग क्षेत्र में काम कर रहे हैं इसलिए लोग आपस में सामंजस्य नहीं बैठा पा रहे हैं अब के समय में हमारी आर्थिक व्यवस्था में सबसे ज्यादा योगदान सेवा क्षेत्र का यानी नौकरी का हो गया है और पहले सबसे ज्यादा योगदान कृषि का हुआ करता था जिससे लोग खेतों में एक साथ काम करते थे और उस एक साथ काम करने से लोग एक दूसरे के साथ रहने का मौका पा जाते थे और एक दूसरे से अपनी बातों को शेयर करते थे लेकिन आज का जमाना यह हो गया है कि एक घर में पाँच सदस्य हैं तो पांचो अलग-अलग क्षेत्र में कुछ ना कुछ काम करके इनकम जनरेट कर रहे हैं।




लेकिन पैसे कमाने के चक्कर में हम कहीं ना कहीं अपनों से दूर होते चले जा रहे हैं तो मेरा लेख लिखने का मुख्य उद्देश्य यह था कि मैं बता पाऊं कि आपको दुनिया की कोई चीज या कोई व्यक्ति तब तक समझ में नहीं आएगा जब तक आप उसको सुनोगे नहीं या जब तक आप उसको गहन अध्ययन नहीं करोगे तो इंसान को समझना है तो उसको पढ़ना पड़ेगा उसको सुनना पड़ेगा तभी आप समझ पाएंगे लेकिन आजकल के बदलते दौर में किसी के पास वक्त ही नहीं है तू हमें कोशिश यह करनी चाहिए कि अपने वक्त के कुछ अहम हिस्सों को परिवार के साथ बिताए क्योंकि यही वह पल होता है जो आपको यह एहसास दिलाएगा कि आपका कोई अपना है जो आपके बारे में सोचता है नहीं तो ऐसे तो काम करते करते मर जाना फिर वह क्या जिंदगी है। अपनों के साथ कुछ वक्त विदा कर हमें दुनिया का वह सुकून मिल जाता है जो कहीं भी कितना भी सुंदर दृश्य हो उसको भी देख करके नहीं मिलता होगा। बस बात है तो समझने की।




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